Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
मुझ पर दोस्तों का प्यार यू ही उधार रहने दो,
बड़े हसीन है ये कर्ज मुझे कर्जदार रहने दो..
ना किसी लड़की की चाहत ना ही पढाई का जज्बा था,
बस 4 दोस्त थे अपने और लास्ट बेंच पर कब्ज़ा था …!!
मित्र वह है जो आपके अतीत को समझता हो,
आपके भविष्य में विश्वास रखता हो,
और आप जैसे हैं वैसे ही आपको स्वीकार करता हो.
लिखा था राशी में आज खजाना मिलेगा,
गुजरे एक गली से और
कुछ पुराने दोस्त मिल गये..!!
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता.
किस्मत वालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के दिल में,
यूँ ही हर शख्स जन्नत का हक़दार नहीं होता.

किस्मत वालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के दिल में,
यूँ ही हर शख्स जन्नत का हक़दार नहीं होता.
दोस्तों के दिल में रहने की इजाजत नहीं मांगी जाती,
ये तो वो जगह है जंहा कब्जा किया जाता है.
ना जरूरत रखो चाँद तारो की ,
ना ही फालतू के यारो की..!
बस एक दोस्त ऐसा रखो साहब ,
जो वाट लगा दे हजारो की ..!!
दोस्त वो होते हैं जिन्हें,
मुश्किल वक़्त में ढूंढना ना पड़े.
कभी खफां मत होना हमसे ये दोस्त
पता नही जिंदगी कब तक साथ निभाएगी..!
अगर आप भी हमसे रूठ जाओगे तो
मौत जिंदगी से पहले आ जाएगी..!!
अच्छे लोगो का जीवन में आना हमारी खुशकिस्मती होती है,
और उन्हें संभाल कर रख पाना हमारा हुनर.
जिनके पास अच्छे दोस्त हैं
उन्हें किसी भी दर्पण की जरूरत नहीं है.
सपने में आया था आज कोई खजाना मिलेगा,
एक गली से गुज़रा तो पुराने दोस्त मिल गये.
फ़िक्र से आज़ाद थे और खुशियाँ कितनी होती थीं,
वो भी क्या दिन थे दोस्तों जब अपनी भी गर्मियों की छुट्टियाँ होती थीं.
दोस्ती कब किससे हो जाये
अंदाजा नहीं होता
दोस्ती एक ऐसा घर है
जिसका कोई दरवाजा नही होता
सारे दोस्त काम के, सबका अपना रोल
जो संकट में साथ दे, वो है सबसे अनमोल
हाथो की लकीरे तो हमारी भी बहुत खास है,
तभी तो आप जैसे दोस्त हमारे पास हैं
एक अच्छी किताब सौ दोस्तों के बराबर है,
लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरी लाइब्रेरी के बराबर है.
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जिसको आज मुझमे हजारो गलतिया नजर आती हैं कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
कमाल की मोहब्बत थी मुझसे उसको अचानक ही शुरू हुई और बिना बताये ही ख़त्म हो गई
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
मैं बैठूंगा जरूर महफ़िल में मगर पियूँगा नहीं क्योंकि मेरा गम मिटा दे इतनी शराब की औकात नहीं
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
मेरी गलती बस यही थी के मैंने हर किसी को खुद से ज़्यादा जरुरी समझा
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी जहा सारा शहर अपना था और तुम अजनबी
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
अपनी तन्हाई में तनहा ही अच्छा हूँ मुझे ज़रूरत नहीं दो पल के सहारो की
खुद में भी तलाश किया लोगों से भी पूछा…
तेरे दूर जाने की वजह आज तक नहीं मिली…
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
रहें दुरियाँ तो क्या हुआ, याद नज़रों से नहीं,
दिल से किया जाता है…..
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
उस शख्स को पाना, इतना मुश्किल भी नही, मेरे दोस्त..
मगर जब तक दूरी न हो, मुहब्बत का मजा नही आता.
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो,
फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
ये दूरियां भी मंजूर है मुझे,
गर यादो में मुझे बसा लो तुम
Dosti Shayari – दोस्ती शायरी
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता,
बात तो दिल की नजदीकियों की होती है