Love Shayari
ना तू रूह, ना तू धड़कन, ना साँसों की डोरी है,
फिर भी जिन्दा रहने के लिए तू इतनी क्यों जरुरी है..!!
बचपन के खिलौने सा कही छुपा लूँ तुम्हे
आंसू बहाऊँ, पाव पटकूं और पा लूँ तुम्हें..
ना किसी का पैसा, ना किसी की जान चाहिए..
जो मुझे समझ सके,
बस ऐसा एक इंसान चाहिए..!!
एक ही शर्त पर खेलेंगे ये इश्क़ की बाज़ी..
मै जीतू तो तुझे पाऊं,
और हारू तो तेरी हो जाऊ..!!
बिन तेरे मेरी हर ख़ुशी अधूरी है,
सोच तू मेरे लिए कितनी जरुरी है..!!
हाथ पकड़ा है तो निभाने की जिम्मेदारी रखिये..
रिश्ते अनमोल है इनमे कभी मत दुनियादारी रखिये..!!
सांसे तो मै रोक लूँ अपनी वो मेरे बस में है..
पर तेरे एहसांसो को को कैसे रोकूं तू तो मेरी नस नस में है..!!
मोहब्बत ना रश्म है ना रिवाज है,
ये तो एक अनछुआ एहसास है …
जिससे भी हो जाये वही बस खास है,
वो ही धड़कन वो ही विश्वास है..!!
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।
हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो,
हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो।
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो
सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से #प्यार करते हो।
घायल कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लहू था दिल मेरा मगर
होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम,
मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
कड़क सर्दी में जलती हुई अलाव से हो तुम,
आँच हद से ज़्यादा हो तो भी दूर नहीं रहा जाता।
टपकती है निगाहों से… झलकती है अदाओं से,
मोहब्बत कौन कहता है की पहचानी नहीं जाती ?
हम से न हो सकेगी मोहब्बत की नुमाइश,
बस इतना जानते है तुम्हे चाहते है हम।
उसने मोहब्बत, मोहब्बत से ज्यादा की थी,
हम ने मोहब्बत उससे भी ज्यादा की थी,
अब वो किसे कहेंगे मोहब्बत की इन्तेहाँ,
हमने शुरुआत ही #इन्तेहाँ से ज्यादा की थी।
उसे कह दो वो मेरा है किसी और का हो नहीं सकता,
बहुत नायाब है मेरे लिए वो कोई और उस जैसा हो नहीं सकता,
तुम्हारे साथ जो गुज़ारे वो मौसम याद आते हैं,
तुम्हारे बाद कोई मौसम सुहाना हो नहीं सकता।