Dua Shayari-दुवा_शायरी
तुम लाख दुआ कर लो मुझसे दूर जाने की.
मेरी दुआ भी उसी खुदा से है तुझे मेरे करीब लाने की
हो सकता है तुम्हारे लिए हम शायद हो..!! मगर हमारे लिए तो तुम यकीन ही हो….!!!!
जब इतनी खुशीआं मिल जाएँ की समझ न आये क्या मांगूं,
फिर अपनी दुआओं में मुझे तुम याद कर लेना.
इन सिद्दतो से कोशिश कर रहा हु,
अब मैं तुम्हे भुलाने के,
कभी बहुत दिल से दुआ माँगा करता था,
तुम्हे अपना बनाने की.
या मालिक आपने अदालत में,
मेरी हमेशा ज़मानत रखना,
मैं रहूँ या न रहूँ
मेरे चाहने वालों को हमेश सलामत रखना.
खुदा करे क अचानक वो सामने आ कर,
मेरे लाभों को नए कुछ सवाल दी जाये
गुलाबी लाल पीला और हरी,
भर दे ज़िंदगी में खुशियाँ सारी,
यही दुआ आप के लिए है खुदा से मेरी,
आप रहें खुश हर घडी.
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नाईब हो,
फूल चेहरा, फूल लहजे तेरे हमसफ़र हो,
कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम..
की तेरी दुआ, ख्वाहिश हर वक़्त कबूल हो.
कुछ कहूँ मैं प्यार से,
कुछ सुनो तुम प्यार से,
ज़िन्दगी तुम्हारी हर पल हसीन हो,
यही दुआ करूँ मैं अपने परवरदिगार से.
तेरा हर ख्वाब पूरा हो,
कोई सपना ना अधूरा हो,
तू खुश रहे खुदा करे,
मेरा दिल यही दुआ करे.
जाने किस बात पे उस ने मुझे छोड़ दिया है,
मैं तो मुफलिस था किसी की दुआओं की तरह।
हमारे सब्र का इम्तिहान न लीजिये,
हमारे दिल को यूँ सजा न दीजिये,
जो आपके बिना जी न सके एक पल,
उन्हें और जीने की दुआ न दीजिये।
जीने की उसने हमें नई अदा दी है,
खुश रहने की उसने हमें दुआ दी है,
ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना,
जिसने अपने दिल में हमें जगह दी है।
वो आ गए मिलने हमसे एक शाम तन्हाई मिटाने,
और हम समझ बैठे इसे अपनी दुआओं का असर।
माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की,
आखिर को दुश्मनी है दुआ की असर के साथ।
चाँद निकलेगा तो लोग दुआ मांगेंगे,
हम भी अपने मुकद्दर का लिखा मांगेंगे,
हम तलबगार नहीं दुनिया की दौलत के,
हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे