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Bewafa Shayari

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दीवाने लोग मेरी कलम चूम रहे है,
तुम मेरी शायरी में वो असर छोड़ गई हो. Bewafa Shayari

उसको बेवफा कह के हम खुद
अपनी नजरो में गिर जाते हैं ..
क्योकि वो पसंद भी अपना था
और प्यार भी अपना …!! Bewafa Shayari

बात वफ़ा की होती तो कभी ना हारते
बात नसीब की थी कुछ कर नहीं सकते

कितना दर्द होता है ना जिसके लिए हम सारी लिमिट पार करते है
और आखिर में वही हमे लिमिट में रहने को कहे……….

फुरसत में ही याद कर लिया करो मुझे
सिर्फ दो पल मांगते है पूरी ज़िन्दगी तो नहीं

सुना रहे थे वो अपनी वफाओं के किस्से,
हम पर नजर पड़ी तो खामोश हो गए।

Bewafa Shayari

रोज़ कलम लेके बैठती हूँ अपने गुनाह लिखने के लिये,
मुझे बस एक ही गुनाह याद आता है वो है नाम तेरा …

मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा, तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा, मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल, एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा!!

मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में!!

प्यार करने का हुनर हमें आता नहीं, इसीलिए हम प्यार की बाज़ी हार गए, हमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार था शायद, इसीलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए!!

ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है, कर ले तू सितम तेरी हसरत जहाँ तक है, वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है!!

तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे!!

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